Bayaan & Sherazam - Safar (हिंदी अनुवाद) lyrics
by Genius Hindi Translations (हिंदी अनुवाद)
[Intro]
ओ सनम, ओ जिगर
तुम को हो क्या ही खबर?
कैसे कटी ये रातें हैं
[Verse 1]
कहते हैं सब मगर
कोई चला ना इन पर
रास्ते जो मैंने नापे हैं
कभी हैं तारों की झिलमिल
कभी ना दिखती मंज़िल
ऐसा सफर मेरा
[Pre-Chorus]
मैं भागा-भागा
सदियों से जागा
आया हूँ मीलों गाँव से
[Chorus]
ना हमसफर कोई
ना अपना घर यारा
रहता हूँ बहती नाव पे
[Verse 2]
दिखते हैं ख्वाब जो
जागती आँखों को
सपने नहीं, इरादे हैं
पूरे वो करने को
चल पड़े नंगे पैरों
खुद से किए जो वादे हैं
रुकना ना कभी भी था हाल
चलना ही तो है मंज़िल
मैं ना कहीं ठहरा
[Pre-Chorus]
मैं भागा-भागा
सदियों से जागा
आया हूँ मीलों गाँव से
[Chorus]
ना हमसफर कोई
ना अपना घर यारा
रहता हूँ बहती नाव पे
[Bridge]
मैं भागा-भागा
सदियों से जागा
आया हूँ मीलों कर के इरादा
मैं भागा-भागा
सदियों से जागा
आया हूँ मीलों कर के इरादा
[Verse 3]
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
शहर की हवा ने मुझ में रंग भरे
मैं भोला सा पुरानी तस्वीरों में
(मैं भागा-भागा)
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
(आया हूँ मीलों कर के इरादा)
देख के रब ने अज़्म मुझे पर दिए
के उड़ सकूँ बुलंद तकदीरों से
(मैं भागा-भागा)
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
(आया हूँ मीलों कर के इरादा)
शहर की हवा ने मुझ में रंग भरे
(मैं भागा-भागा)
मैं भोला सा पुरानी तस्वीरों में
(आया हूँ मीलों कर के इरादा)
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
देख के रब ने अज़्म मुझे पर दिए
के उड़ सकूँ बुलंद तकदीरों से
[Outro]
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
शहर की हवा ने मुझ में रंग भरे
मैं भोला सा पुरानी तस्वीरों में
(मैं भागा-भागा)
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
(आया हूँ मीलों कर के इरादा)
देख के रब ने अज़्म मुझे पर दिए
के उड़ सकूँ बुलंद तकदीरों से
(मैं भागा-भागा)
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
(आया हूँ मीलों कर के इरादा)
शहर की हवा ने मुझ में रंग भरे
(मैं भागा-भागा)
मैं भोला सा पुरानी तस्वीरों में
(आया हूँ मीलों कर के इरादा)
सफर लिखा हाथ की लकीरों में
ना खोने दिया ख्वाबों को ताबीरों में
देख के रब ने अज़्म मुझे पर दिए
के उड़ सकूँ बुलंद तकदीरों से