Masti Mein Chhed Ke Tarane lyrics

by

Mohammed Rafi


मस्ती में छेड़ के तराना कोई दिल का
आज लुटाएगा ख़ज़ाना कोई दिल का
मस्ती में छेड़ के तराना कोई दिल का
आज लुटाएगा ख़ज़ाना कोई दिल का

प्यार बहलता नहीं बहलाने से
प्यार बहलता नहीं बहलाने से
लो मैं चमन को चला वीराने से
शम्मा है कब से जुदा परवाने से
अश्क थमेंगे नज़र मिल जाने से

दिल से मिलेगा दीवाना कोई दिल का
आज लुटाएगा ख़ज़ाना कोई दिल का
मस्ती में छेड़ के तराना कोई दिल का
आज लुटाएगा ख़ज़ाना कोई दिल का

मिल के वो पहले बहुत शरमाएगी
मिल के वो पहले बहुत शरमाएगी
आगे बढ़ेगी मगर रुक जाएगी
होके क़रीब कभी घबराएगी
और क़रीब कभी खींच आएगी

खेल नहीं है मनाना कोई दिल का
आज लुटाएगा ख़ज़ाना कोई दिल का
मस्ती में छेड़ के तराना कोई दिल का
आज लुटाएगा ख़ज़ाना कोई दिल का
मुखड़े से ज़ुल्फ़ ज़रा सरकाऊँगा
हाय, मुखड़े से ज़ुल्फ़ ज़रा सरकाऊँगा
सुलझेगा प्यार, उलझ मैं जाऊँगा
पाके भी हाय बहुत पछताऊँगा
ऐसा सुक़ून कहाँ फिर पाऊँगा?

और नहीं है ठिकाना कोई दिल का
आज लुटाएगा ख़ज़ाना कोई दिल का
मस्ती में छेड़ के तराना कोई दिल का
आज लुटाएगा ख़ज़ाना कोई दिल का
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