Hud Hud (From ”Dabangg 3") lyrics
 by Divya Kumar
		
		
[Intro]
हैया
हो मेरा अपना करम है
मेरे अपने गवाहे हैं
[Verse 1]
हो मेरा अपना करम है
मेरे अपने गवाहे हैं
मेरी अपनी झलक है
मेरे अपने सहारे हैं
मेरे अपने अँधेरे हैं
मेरे अपने पिटारे हैं
आजाद बाशिंदा हूँ
मैं अपने रब दा बंदा हूँ
[Chorus]
मैं हूँ दबंग दबंग
दबंग दबंग
हुड हुड दबंग दबंग
दबंग दबंग
दबंग दबंग
मैं हूँ दबंग दबंग
दबंग दबंग
[Verse 2]
हो यारों के लिए वो सच्चा यार है
दुश्मनों को काटे वो तलवार है
एक पल भी ना झपके पलक
जब शेर देखे शिकार को
जब रब का साया साथ हो
तो झुकता देखा संसार को
मेरी अपनी मौजें हैं
मेरे अपने धारे हैं
आजाद बाशिंदा हूँ
मैं अपने रब दा बंदा हूँ
मैं हूँ दबंग दबंग
दबंग दबंग
[Chorus]
मैं हूँ दबंग दबंग
दबंग दबंग
हुड हुड दबंग दबंग
दबंग दबंग
दबंग दबंग
मैं हूँ दबंग दबंग
दबंग दबंग
[Verse 3]
सीने में उसके आग है
अनसुना सा कोई राग है
चारों दिशा शोर हो
जब भी मैदान में आवे
वो देख ना पावे कुछ भी
जो उसको आँख दिखावे
मेरा अपना गुलशन है
मेरी अपनी बहारें हैं
आज़ाद बाशिंदा हूँ
मैं अपने रब दा बंदा हूँ
[Chorus]
मैं हूँ दबंग दबंग
दबंग दबंग
हुड हुड दबंग दबंग
दबंग दबंग
दबंग दबंग
मैं हूँ दबंग दबंग
दबंग दबंग