Har Haseen Cheez Ka lyrics

by

R.D. Burman



[Intro]
हर हसीं चीज़ का मैं तलबगार हूँ
हर हसीं चीज़ का मैं तलबगार हूँ
रस का, फूलों का, गीतों का बीमार हूँ
रस का, फूलों का, गीतों का बीमार हूँ
हर हसीं चीज़ का मैं तलबगार हूँ

[Instrumental-break]

[Verse 1]
सारा गाँव मुझे "रसिया" कहे
सारा गाँव मुझे "रसिया" कहे
जो भी देखे, "मनबसिया" कहे
हाए रे, जो भी देखे, "मनबसिया" कहे

[Chorus]
सब की नज़रों का एक मैं ही दीदार हूँ
रस का, फूलों का, गीतों का बीमार हूँ
हर हसीं चीज़ का मैं तलबगार हूँ

[Verse 2]
कोई कहे "भँवरा" मुझे, कोई "दीवाना"
भेद मेरे मन का मगर किसी ने ना जाना
कोई कहे "भँवरा" मुझे, कोई "दीवाना"
भेद मेरे मन का मगर किसी ने ना जाना
[Verse 3]
रोना मैंने कभी सीखा नहीं
रोना मैंने कभी सीखा नहीं
चखा जीवन में फल फीका नहीं
हाए रे, हाए, चखा जीवन में फल फीका नहीं

[Chorus]
मैं तो हर मोल देने को तैयार हूँ
रस का, फूलों-फूलों का, गीतों-गीतों का बीमार हूँ

[Outro]
हर हसीं चीज़ का मैं तलबगार हूँ
रस का, फूलों का, गीतों का बीमार हूँ
रस का, फूलों का, गीतों का बीमार हूँ
हर हसीं चीज़ का मैं तलबगार हूँ
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