Raatein Guzaari lyrics

by

Aditya Rikhari



[Aditya Rikhari "Raatein Guzaari" के बोल]

[Verse 1]
तुम जो हो तो ये लगता है
क्या है दुनिया ये तेरे बिन
देखेंगे तुमको जी भर के
आना फुर्सत से फिर एक दिन
फिर एक दिन फिर एक पल
फिर तुझको महसूस करलूँगा मैं फिर तुझको सीने से लगा कर के
सीने में भरलूँगा मैं
फिर तेरी ज़ुल्फ़ों में
फिर मेरी उंगलियां फेरु ज़रा
पल भर को फिर तुझे
अपना तो करलूँगा मैं

[Verse 2]
मैंने रातें गुज़ारी
तेरे इश्क़ में सारी
कुछ सर्द गुज़ारी
कुछ दर्द के मारी
दीदार तेरा मिले तो सो जाऊँ
कल साफ़ थे दिल के
आज है काले
कोई तुझसा कहाँ है
जो हमको संभाले
बाहों में भरले मुझे के रो पाऊँ
[Verse 3]
यह नाराज़गी है किस बात की
है क्या दिल में वो जो कहते नहीं
ज़रा सी नज़र घुमा लो इधर
इतने भी बुरे है हम तो नहीं
एक आग लगी है सीने में
और तू बरसात का पानी है
थोड़ा भीग तुझमें तो फिर संभल पाऊँ
तेरे नील नयन की कश्ती में
अब सारी उम्र बितानी है
फिर डूबु मैं चाहे या तर जाऊँ
A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z #
Copyright © 2012 - 2021 BeeLyrics.Net