Gori lyrics
by Aditya Rikhari
[Gajendra Verma & Aditya Rikhari "Gori" के बोल]
[Intro: Gajendra Verma]
Hm, mm-mm, mm-mm-mm
ओ, ओ-ओ-ओ-ओ
[Verse 1: Gajendra Verma]
हूं खड़ा आगे तेरे, नज़रें झुका के मैं
नज़्में मेरे दिल की ये तुझको सुनाने दे
के रातों को सोया नहीं मैं
के दिन में भी खोया कहीं मैं
ओ, तेरे ख़यालों में गुम हूं
अब मुझको मिलना नहीं है
[Chorus: Gajendra Verma]
नज़रें मिला ले, गोरी
हँस के बुला लो ना
तुझको चुराना चाहूं
जग से चुरा लूं क्या?
क़समें ना खाऊं मैं और
वादों में मानूं ना
तुझको चुराना चाहूं
जग से छुपा लूं क्या?
[Verse 2: Aditya Rikhari]
म, म-प-ध-सा-नि, आ
तुझको है पाया अब जो, बस यूं ही रहने दे
नज़दीक आए हैं तो नज़दीक रहने दे
हाथों में मेरे तेरा ताबीज़ रहने दे
नज़दीक आए हैं तो नज़दीक रहने दे
जो ख़्वाबों में उलझा हुआ था
के अब जाके सुलझा कहीं मैं
के तेरे ख़यालों में गुम हूं
अब मुझको मिलना नहीं है
[Chorus: Aditya Rikhari, Gajendra Verma & Aditya Rikhari]
नज़रें मिला ले, गोरी
हँस के बुला लो ना
तुझको चुराना चाहूं
जग से चुरा लूं क्या?
क़समें ना खाऊं मैं और
वादों में मानूं ना
तुझको चुराना चाहूं
जग से छुपा लूं क्या?
[Outro: Gajendra Verma & Aditya Rikhari]
नज़रें मिला ले, गोरी
हँस के बुला लो ना
तुझको चुराना चाहूं
जग से चुरा लूं क्या?
क़समें ना खाऊं मैं और
वादों में मानूं ना
तुझको छुपाना चाहूं
जग से छुपा लूं क्या?