Hote Tak - Reprise lyrics

by

Shilpa Rao



[Raghav Chaitanya & Shilpa Rao "Hote Tak - Reprise" के बोल]

[Verse 1: Raghav Chaitanya]
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक
कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक
दाम-ए-हर-मौज में है हल्क़ा-ए-सद-काम-ए-नहंग
देखें क्या गुज़रे है क़तरे पे गुहर होते तक

[Chorus: Raghav Chaitanya]
आसमाँ रुका, रुकी ज़मीं, इक सुबह होते तक
जैसे हम रुके, रुको ज़रा, तुम सुलह होते तक
साथ हम तेरे जिए-मरे, फ़ासला होते तक
निस्बतों का क्या कहो करें फ़ैसला होते तक

[Verse 2: Shilpa Rao]
कहीं ज़िंदगी जो मुड़े राह में तो मुड़ने देना
कहीं का सिरा अगर जुड़े जब कहीं तो जुड़ने देना
छुपी सी ही है रोशनी, सवाल में जवाब के क्यों डरना
क़दम ब क़दम हम जिए और मरे क्या से क्या होते तक

[Chorus: Raghav Chaitanya, Choir]
आसमाँ रुका, रुकी ज़मीं, इक सुबह होते तक
जैसे हम रुके, रुको ज़रा, तुम सुलह होते तक
साथ हम तेरे जिए-मरे, फ़ासला होते तक
निस्बतों का क्या कहो करें फ़ैसला होते तक
आसमाँ रुका, रुकी ज़मीं, इक सुबह होते तक
जैसे हम रुके, रुको ज़रा, तुम सुलह होते तक
साथ हम तेरे जिए-मरे, फ़ासला होते तक
निस्बतों का क्या कहो करें फ़ैसला होते तक
आसमाँ रुका, रुकी ज़मीं, इक सुबह होते तक
जैसे हम रुके, रुको ज़रा, तुम सुलह होते तक
साथ हम तेरे जिए-मरे, फ़ासला होते तक
निस्बतों का क्या कहो करें फ़ैसला होते तक
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