Nai Lagda lyrics
by Salman Khan
पलकों पे ओस सा तेरा नाम सजा के
रखता हूँ यार मैं तुझे ख़्वाब बना के
पलकों पे ओस सा...
हर क़िस्से पे हर पन्ने पे तुझको पढ़ता है
फिरता रहता है पागल सा बस ये कहता है
की तुझ बिन
की तुझ बिन नई लगदा जी नई लगदा हाय
नई लगदा जी नई लगदा हाय
नई लगदा जी मेरा माहिया
की तुझ बिन नई लगदा जी नहीं लगदा हाय
नई लगदा जी नई लगदा हाय
नई लगदा जी मेरा माहिया
कैसी दुआएं कैसी ये सदाएं
दिल क्यूँ तुम्हारा सुनता ही नहीं
तुझको बुलाएं तुझको ही चाहें
दिल क्यूँ ये मेरा रुकता ही नहीं
की मेरा हर लम्हा मेरा इक हिस्सा बन जाना
मेरी ख़्वाहिश जो भी सारी पूरी कर जाना
की तुझ बिन…
टूटती रही मैं, डूबती रही मैं
ऐसा राबता भी क्या
छूटते नहीं हैं, आस के सिरे ये
तुमसे वास्ता है क्या
तीखी-तीखी धूप में आके
तू साया कर जा
भीगी-भीगी आँखों को छू लेना हद कर जा
तू आ जा मेरे साजना
की तुझ बिन नई लगदा...