Sardi Ki Raat lyrics
 by Tony Kakkar
		
		[Verse 1]
सर्दी की रातों में चाँद तले
हम तुम सनम चुपके छत पे मिले
मेरी किताबों में जो ते छिपे
तुमने सनम ख़त वो फिर से पढ़े
वो हँसाना बेवाकी से तेरा सनम
वो नज़रें झुकाना जो आये शरम
ज़िक्र तेरा जब आएगा
[Chorus]
मुझे वो प्यार याद आएगा
थे हम बेकरार याद आएगा
[Verse 2]
इक रोज़ तुम से मैं नाराज़ था
कोई गैर जब तेरे पास था
संभला ये दिल जब तुमने बताया
वो कुछ भी नहीं महज़ एक इतिफाक था
ज़ख्म दिल का भी भर जायेगा
[Chorus]
मुझे वो प्यार याद आएगा
थे हम बेकरार याद आएगा
[Verse 3]
दिसम्बर के महीने की वो रात थी
बड़े ज़ोर की तब बरसात थी
घर पे तुम्हारे कोई देख लेगा
इसी डर से तूने न मुलाकात की
अब दिसम्बर भी जब आयेगा
[Bridge]
मुझे वो प्यार याद आएगा
रोये बार-बार याद आएगा
था इश्क सवार याद आएगा
कहाँ मेरा यार याद आएगा